पूज्य श्री रविशंकर जी महाराज

पंचवटी श्री सीताराम आश्रम के तत्वाधान में निरंतर सनातन वैदिक धर्म के मूल्यों को स्थापित किया जा रहा है,जिसमें बच्चों में संस्कार व नैतिक शिक्षा के लिए संस्कार शालाओं की स्थापना की जा रही है। उपेक्षित व अभावग्रस्त मंदिरों में दीपदान की व्यवस्था कराई जा रही है। जरूरतमंदों के लिए अन्नपूर्णा मां की रसोई की व्यवस्था की जा रही है। भारतीय संस्कृति की रक्षा तथा धर्म जागरण के कार्य किए जा रहे हैं। संस्कारशाला पंचवटी श्री सीताराम आश्रम द्वारा अभावग्रस्त एवं निरीक्षक बच्चों तथा जनजातियों व पिछड़े क्षेत्रों में निशुल्क शिक्षा हेतु लगातार संस्कार शालाओं की स्थापना की जा रही है। बच्चे संस्कारित हो और शिक्षा के द्वारा समाज की मुख्यधारा में जुड़े इस हेतु आश्रम सदैव प्रयासरत हैं।

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आश्रम के संकल्प

संस्कारशाला
पंचवटी श्री सीताराम आश्रम के तत्वाधान में निरंतर सनातन वैदिक धर्म के मूल्यों को स्थापित किया जा रहा है,जिसमें बच्चों में संस्कार व नैतिक शिक्षा के लिए संस्कार शालाओं की स्थापना की जा रही है। उपेक्षित व अभावग्रस्त मंदिरों में दीपदान की व्यवस्था कराई जा रही है। जरूरतमंदों के लिए अन्नपूर्णा मां की रसोई की व्यवस्था की जा रही है। भारतीय संस्कृति की रक्षा तथा धर्म जागरण के कार्य किए जा रहे हैं। संस्कारशाला पंचवटी श्री सीताराम आश्रम द्वारा अभावग्रस्त एवं निरीक्षक बच्चों तथा जनजातियों व पिछड़े क्षेत्रों में निशुल्क शिक्षा हेतु लगातार संस्कार शालाओं की स्थापना की जा रही है। बच्चे संस्कारित हो और शिक्षा के द्वारा समाज की मुख्यधारा में जुड़े इस हेतु आश्रम सदैव प्रयासरत हैं।
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मां अन्नपूर्णा रसोई की स्थापना करके निराश्रित एवं जरूरतमंद को प्रतिदिन भोजन प्रसाद कराया जाता है। वर्तमान समय में 5 जनपदों में श्री अन्नपूर्णा रसोई संचालित हो रही है, जिसमें हजारों की संख्या में लोग भोजन प्रसाद प्राप्त कर रहे हैं। ₹5 टोकन की व्यवस्था से भोजन प्रसाद वितरण की व्यवस्था की गई है एवं साधु संतो तथा विद्यार्थियों को निशुल्क भोजन प्रसाद देने की व्यवस्था की गई है।
उपेक्षित मंदिरों में दीपदान तथा जर्जर हो रहे धर्मस्थलों के जीर्णोद्धार का कार्य प्रमुखता से कराया जा रहा है। हमारे सनातन वैदिक धर्म के प्रतीक इन स्थलों को जागृत करने हेतु दीपदान की परंपरा चलायी जा रही है।
आश्रम द्वारा गर्मियों के मौसम में निराश्रित पशु पक्षियों एवं गौमाता हेतु सैकड़ो को संख्या में जलपात्र (नांदों) की व्यवस्था कराई जाती है, जिसमे पशु-पक्षी एवं गौमाता सुगमता से जल पीती हैं। नादों में जल की व्यवस्था आश्रम द्वारा नियुक्त वाहनों के द्वारा की जाती है।
राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय संस्कृति को प्रतिष्ठित करने के लिए समय-समय पर शिव संवाद के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसी क्रम में 11 अगस्त 2023 को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर प्रांगण में अंतरराष्ट्रीय संवाद का कार्यक्रम किया जा रहा है।
इंटर कॉलेज डिग्री कॉलेज मेडिकल कॉलेज तथा विश्वविद्यालयों में श्रद्धेय महाराज जी द्वारा शिक्षकों एवं छात्रों के साथ सामूहिक संवाद की व्यवस्था की जाती है। आधुनिकता के इस दौर में विद्यार्थियों को लक्ष्य, रास्ता, साधन, साथी और सामंजस्य पंचसूत्र के माध्यम से अपने-अपने आपेक्षित लक्ष्य को सार्थक रूप में प्राप्त करने में सहायता मिलती है एवं वे स्वयं को देश काल और परिस्थियों के अनुरूप ढाल पाने में समर्थ होते है।
आंग्लभाषी एवं कान्वेंट शिक्षा पध्दति में अध्ययनरत किशोर आयुवर्ग के बच्चों / छात्रों को साप्ताहिक कक्षाओ के माध्यम से नैतिक शिक्षा एवं भारतीय संस्कृति का परिचय तथा ज्ञान कराया जाता है। सनातन वैदिक धर्म के आवश्यक तत्वों से बच्चों को ओत- प्रोत किया जाता है।
आपदा अथवा विपदा की स्थिति में जरूतमंदो को जानकारी मिलते ही सूखा अन्न पैकेट (आवश्यक खाद्द सामग्री सहित) तुरंत उपलब्ध कराया जाता हैं। नर सेवा ही नारायण सेवा हैं।
आश्रम की ओर से रोग से पीड़ित दीन-दुखियों एवं असहाय निराश्रितों के कल्याण हेतु दातव्य औषधालय जिसमे योग्य वैध ,डॉक्टर के द्वारा परिक्षण, परामर्श एवं निःशुल्क दवा वितरण का कार्य किया जाता हैं।
भागवत मंडल एवं धर्म जागरण संत शिरोमणि परम पूज्य गुरुदेव श्री रविशंकर जी महाराज गुरु भाई द्वारा श्री राम कथा, शिव कथा, श्रीमद् भागवत भागवत कथा, देवी भागवत कथा एवं सत्संग के माध्यम से अनवरत धर्म जागरण चल रहा है। जन जागरण का यह कार्य व्यापक रूप से अग्रसर है।
आश्रम द्वारा धर्म परायण व्यक्तियों को समय-समय पर सुसंगत धार्मिक यात्राएं कराई जाती हैं। इस बार चैत्र रामनवमी के अवसर पर श्री धाम अयोध्या जी, श्रावण मास में काशी तथा कार्तिक मास में द्वारिका पुरी की यात्रा कराई जाएगी।

आश्रम की गतिविधियां

शिव संवाद

राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय संस्कृति को प्रतिष्ठित करने के लिए समय-समय पर शिव संवाद के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसी क्रम में 11 अगस्त 2023 को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर प्रांगण में अंतरराष्ट्रीय संवाद का कार्यक्रम किया जा रहा है।

कथा टाइप्स

श्रीमद भागवत कथा

भागवत कथा एक महत्वपूर्ण और विख्यात पुराण है | पुराणों की संख्या में देखा जाए तो भागवत कथा पुराण में समाहित है| भागवत पुराण में महर्षि सूत. जी ने कथा सुनाते हैं साधु लोग महर्षि सूत जी के कथा को बहुत ही ध्यानपूर्वक सुनते हैं और कथा सुनते सुनते उसी में लीन हुए रहते हैं रिशीलोक महर्षि सूत से भगवान विष्णु के विभिन्न रूपों के बारे में अर्थात विभिन्न अवतार के बारे में पूछते हैं महर्षि सूत उन सभी के जवाब देते चले जाते हैं और भी बताते हैं कि वह इस कथा को एक ऋषि मकसूद से सुनी थी और उन्होंने बताया कि 12 स्कंध पुराणों में पहले स्कंद पुराण में भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों के बारे में बताया गया है

देवी भागवत पुराण

जिसे देवी भागवतम, भागवत पुराण, श्रीमद भागवतम और श्रीमद देवी भागवतम के नाम से भी जाना जाता है, देवी भगवती आदिशक्ति/दुर्गा जी को समर्पित एक संस्कृत पाठ है और हिंदू धर्म के अठारह प्रमुख महा पुराणों में से एक है जोकि महर्षि वेद व्यास जी द्वारा रचित है। इस पाठ को देवी उपासकों और शाक्त सम्प्रदाय के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह महापुराण परम पवित्र वेद की प्रसिद्ध श्रुतियों के अर्थ से अनुमोदित, अखिल शास्त्रों के रहस्यका स्रोत तथा आगमों में अपना प्रसिद्ध स्थान रखता है। यह सर्ग, प्रतिसर्ग, वंश, वंशानुकीर्ति, मन्वन्तर आदि पाँचों लक्षणों से पूर्ण हैं। पराम्बा श्री जगदम्बा भगवती दुर्गा जी के पवित्र आख्यानों से युक्त इस पुराण में लगभग १८,००० श्लोक है।

श्री राम कथा

भगवान राम , भगवान विष्णु जी के सातवें अवतार थे जिनका जन्म त्रेता युग में अयोध्या के राजा दशरथ और रानी कौशल्या के घर हुआ था। श्री राम 'इक्ष्वाकु वंश ' से संबंधित हैं जिसे राजा 'इक्ष्वाकु' जो भगवान सूर्य के पुत्र थे, उनके द्वारा स्थापित किया गया था, इसी वजह से रामचंद्र जी को 'सूर्यवंशी राजा' कहा जाता है।